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रामदीन की किफायती खरीदारी

रामदीन एक छोटे से गांव में गरीब घर में पैदा हुआ। गांव में कोई स्कूल,अस्पताल नहीं था। गांव को शहर से जोड़ने वाली कोई सड़क भी न थी। गांव में बिजली भी नहीं थी। गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित था। गांव से दो कोस दूरी पर एक दूसरे गांव में मिडिल स्कूल था। वहीं से रामदीन ने मिडिल स्कूल पास किया। मिडिल स्कूल के बाद हाई स्कूल में जाने के लिए चार कोस पैदल चलकर जाना पड़ता  था। उस समय रामदीन के गांव से कोई भी आदमी शहर में सरकारी नौकरी नहीं करता था।  रामदीन का सपना था कि वह पढ़लिख कर शहर में नौकरी करे। इसी सपने के साथ रामदीन ने भी उस हाई स्कूल में प्रवेश ले लिया था। उसके गांव से उस समय हाई स्कूल जाने वाले मात्र चार लड़के और थे। सभी पैदल ही स्कूल जाते थे। लड़कियां तब इक्का-दुक्का ही पढ़ती थी और मिडिल पास या फेल होने के बाद उनकी पढ़ाई बंद हो जाती थी। रामदीन पढ़ने में अच्छा था। वह स्कूल में मैट्रीक की परीक्षा में अपने स्कूल में अव्वल रहा। आज भी उस स्कूल के मैट्रीक में प्रथम आने वालों के बोर्ड पर उसका नाम लिखा हुआ है-- रामदीन वलद गोपी राम। इसी कारण उसे आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए सरकार की ओर से वजीफा दिया गया।